साढ़ेतीन महुरतोंमें एक अत्यंत पवित्र तथा शुभ महुरत। माँ जगदंबा के आशिर्वाद से परिपूर्ण, उसके प्रेम, तेज से भरा हुआ। इसी महुरत पे होता है रावण दहन, सीमोल्लंघन.. अहम् का रावण जलाकर गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने के लिये किया गया सीमोल्लंघन.. जो होता है दो व्यक्तियों का, दो परिवारों का..सातों जन्मों में बंधने के लिये।
इस वर्ष की शुभविवाह घटिकाएँ सांधने हेतू भाग्यरूप विवाह संस्था आपको प्रेमपूर्वक आमंत्रित करती हैं।
माँ अंबा के आशिष से
करे अहम् का नाश..
आओ मिलकर प्रेम से चले
एक दुजे के साथ…